हिन्दी दिवस: १४ सितम्बर ----------------------------------------
आज दिनांक २३.९.२३ को प्राप्त स्वैच्छिक विषय पर प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति:
हिन्दी दिवस: १४ सितम्बर
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हिन्दी दिवस की धूम देख कर अंग्रेजी भी शरमाई है,
आख़िर तो भारत देश है,हिन्दी ने धूम मचाई है।
अंग्रेजों का राज हुआ था,भारत था उनका ग़ुलाम,
इसी लिए अंग्रेजों ने आ कर ,अंग्रेजी को दिया बहुत सम्मान।
फ़िर जो आई नयी हुकूमत, मुस्लिम की वह पक्षधर थी,
हिन्दी-हिन्दू-हिन्दुस्तान की प्रबल ख़िलाफ़त करती थी
सन १४ में एक बार फ़िर हुकूमत का पांसा पलट गया,
राष्ट्र-प्रेम का संदेशा दे हुकूमत सबका दिल जीत गया।
दफ्तर मे सब जगह आज तो हिन्दी का डंका बजता है,
हिन्दी दिवस हैं सभी मनाते हिन्दी से नाता ग़हरा है।
हिन्दी भाषा की ख़्याति अब तो फैली है विश्व मे चारों ओर,
आंग्ल भाषा कुछ ही समाज मे सिमटी ,बहाती है अंसुवन की डोर।
हिन्दी है वैज्ञानिक भाषा,उच्चारण से लिख दी जाती,
न कोई शब्द है चुप हो रहता,न कोई निरर्थक उच्चारण पाती।
बारह-खड़ी जो हिन्दी की है वो और किसी ने न पायी है,
हिन्दी भाषा की वैज्ञानिकता अनायास याद हो आयी है।
आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़